नमस्कार इस पोस्ट में आपको बताएंगे कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कैसे करें और नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि और नवरात्रि व्रत पूजन सामग्री के बारे में हम आपको जानकारी प्रदान करेंगे / इसके साथ ही साथ हमने पिछले पोस्ट में आप सभी को संकटा माता की पूजा कैसे करें इस पर आपको पोस्ट दिया है उसको पढ़ सकते हैं तो चलिए
नमस्कार मित्रों में तारा तिवारी आप सभी का स्वागत करती हूं और आप सभी को 2023 नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं |
Shardiya Navratri 2023 || शारदीय नवरात्रि 2023-
शारदीय नवरात्रि 2023 की शुरुआत 15 Oct, 2023 से होकर 24 Oct, 2023 को समाप्त हो रही है इस बार नवरात्रि केवल 8 दिनों की पड़ रही है ज्योतिषियों की माने तो कलश स्थापना का समय 15 Oct को सुबह 11:48 से शुरू होकर 12 :36 तक रहेगा |
यह नवरात्रि शरद ऋतु में पड़ने की वजह से इसको शारदीय नवरात्रि कहते हैं वैसे तो यह नवरात्रि पूरे देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन बंगाल और गुजरात राज्यों के लोग इस त्यौहार को बहुत ही अलग तरीके के साथ मनाते हैं नवरात्रि के दौरान बंगाल में दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है आकर्षक पंडाल लगाए जाते हैं
वहीं पर गुजरात में लोग गरबा का आयोजन करते हैं जैसा की आप सभी को पता है कि मैं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से हूं तो यहां पर भी शारदीय नवरात्रि में पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया जाता है और बहुत ही भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है सुल्तानपुर का भी दुर्गा पूजा बहुत ही प्रसिद्ध है
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कैसे करें || नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि-
1)नवरात्रि के सबसे पहले दिन सुबह उठकर सारे नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
2) पूरे घर की सफाई कर, पूजा स्थल की सफाई करें और वहां पर गंगाजल का छिड़काव करें
3) नवरात्रि में पहले ही दिन कलश को स्थापित किया जाता है जैसा आपको पर कलश स्थापना समय बताया गया उसके अनुसार आप सभी कलश स्थापित करें कलश को विभिन्न में तरीकों से सजाया जाता है सजाने के बाद उसको बालू की हिंदी में स्थापित करें और उसमें जो इत्यादि बोए जाते हैं
4) उसके बाद माता रानी की प्रतिमा को स्थापित करें
5) उसके बाद श्रृंगार की सामग्री माता रानी को सुनाएं और माता रानी का श्रृंगार करें
6) कई सारे लोग नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते हैं तो आप अपनी इच्छा के अनुसार अखंड ज्योत भी जला सकते हैं
7) विभिन्न प्रकार की मां की पूजा कीजिए और दुर्गा जी की कथा चालीसा इत्यादि का पाठ कीजिए
8) माता दुर्गा के बीच मंत्रों का अधिक से अधिक जाप करें जिससे माता रानी की कृपा आप पर बनी रहे
9)अंत में माता रानी की आरती करें फिर
10 )फल फूल मेवा मिश्री इत्यादि का माता रानी को भोग लगाकर प्रसाद लोगों में वितरित करें
11) और याद रखें कि इस 9 दिन में आपके द्वारा किसी को किसी भी प्रकार से दुख ना मिले ( मन ,कर्म ,वाणी से )
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गंगाजल,रोली,मौली,पान,सुपारी,धूप-बत्ती,घी का दीपक,फल,फूल की माला,चावल,
कलश स्थापना के लिए उपयोगी सामग्री –आम के पत्ते,चन्दन,घट,नारियल,हल्दी की गांठ,पंच रत्न,लाल वस्त्र,चावल से भरा हुआ पात्र,गंगा की मृत्तिका,जौ,बताशा,सुगंधित तेल,सिंदूर,कपूर,पंच सुगंध,नैवेद्य के लिए फल
पंचामृत सामग्री–
दूध,दही,मधु,चीनी,गौ मूत्र,गौ दूध,गौ दही,गौ घृत
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