आज हम आपको अवसान माता की कहानी  बताने जा रहे हैं यह कहानी एक अमीर जेठानी और देवरानी की कहानी है इस कहानी में अवसान माता की पूजा को लेकर बहुत ही सुंदर घटना सामने आई है जो कि आपके मन को बहुत प्रफुल्लित करेगी चलिए हम देख पढ़ते हैं

नमस्कार मित्रों मैं तारा तिवारी आप सभी का अपने इस नए पोस्ट में स्वागत करती हूं

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अवसान माता की कहानी अमीर जेठानी और देवरानी

अवसान माता की कहानी–

 यह जो कहानी है अमीर जेठानी और गरीब देवरानी की है तो इसमें जो देवरानी रहती वह बेचारी बहुत गरीब रहती है तो एक दिन अपनी जेठानी से कहती है कि दीदी हमारे लिए कोई काम ढूंढ देती तो बहुत अच्छा होता तो जेठानी कहने लगी अब हम तुम्हारे लिए काम कहां ढूंढगे तुम हमारे घर ही आया करो और हमारा सारा काम कर दिया करो और हम तुम्हें कुछ दे दिया करेंगे तो देवरानी कहने लगी ठीक-ठीक दीदी कल से हम आएंगे

 अब कल से वह आने लगी और आकर सारा काम घर का करती और जब जाने लगती तो जेठानी घर का बचा हुआ सारा खाना बटोर कर देवरानी को दे देती जब देवरानी घर देकर गए तो बच्चे छिनने लगे कहे की क्या दी है बड़ी मम्मी तो सब देखें और वह भी बच्चों को बहुत अच्छा लगा क्योकी गरीबी थी तो इसी तरह से देवरानी हर रोज जाती और कुछ ना कुछ बच्चों के लिए लेकर आती थी

 अब जेठानी के मन में एक दिन अवसान माता की पूजा करने का विचार हुआ तो वह देवरानी से कहीं  कि कल तुम जल्दी आ जाना और चौका बर्तन करके आप चली जाना

 उसके बाद इधर जेठानी अपने पड़ोस में जाकर औरतों को निमंत्रण दे दी अब सुबह हुई और देवरानी जल्दी आ कर सारा काम की और फिर जेठानी ने कहा अगर सारा काम हो गया तो अब आप जाओतो देवरानी वापस घर चली आई

 अब जेठानी के घर बहुत विधि से अवसान माता की पूजा सामग्री लेकर पूजा हुई अवसान माता की कहानी और उसके साथ-साथ अवसान माता के गीत और फिर अंत में अवसान माता की आरती हुई

 अब कुछ दिनों के बाद यह बात देवरानी के बच्चों को पता चली तो वह मां से पूछने लगे की मम्मी बड़ी मां ने आप को क्यों नहीं बुलाया था तो देवरानी कहने लगी कि बेटा वह बड़े लोग हैं बड़े लोग को बुलाएंगे कि हम जैसे गरीब लोगों को बुलाएंगे

 तो फिर उनके बच्चे जिद करने लगे कीमा इस बार गुरुवार को आपको भी अवसान माता की दुरदुरिया करनी है तो वह कहने लगी कि बेटा हम कहां कर पाएंगे उसको हमारे पास तो कोई सामान भी नहीं है उसका तो वह जिद करने लगे अब बच्चों के ज़िद तो सबको पता ही है

 तो कहीं कि चलो अच्छा ठीक है अब गुरुवार का दिन आया उससे पहले वह शाम को जाकर ही साथ सुहागिनों को नेवत आई थी और वह सब औरतें सोच रही हैं कि इसके पास तो कुछ भी नहीं है यह कैसे करेगी दुरदुरिया पूजा

 अब सुबह हुई देवरानी जहां पर पूजा करना था सब साफ सफाई की और दुरदुरिया पूजा का कोई सामान तो था नहीं फिर भी सब अच्छे से करके आसन सबका लगा दिया और बीच में अवसान माता जी का आसन लगाकर एक बड़ा सा शिकाहूला से ढक दिया

 अब कुछ देर बाद जब सारी सुहागिन आई तो वह सभी को माता जी के पास बैठ जाने को कहा और कहा कि दीदी आप लोग पूजा की तैयारी करिए हम कुछ बना रहे हैं आ रहे हैं अब वह तो जान ही रही थी कि वहां पर कुछ नहीं है

 तब उनमें जो श्रेष्ठ सुहागिन थी वाह शिकाहूला हटाई तो उनको वहां पर पूजा का सारा सामान मिला और वह सब लोग व्यवस्था करने लगी अब जब इधर से वह किचन से निकल कर आई तो वह अवसान माता का चमत्कार देखकर दंग रह गई अब वह लोगों से बताए भी तो क्या बताएगी तो लोग कहेंगे कि कोई व्यवस्था कि नहीं हमको फिर भी बुला ली / फिर अवसान माता की पूजा खूब विधि से हुई और वह सुहागिनों की खूब सेवा करके उनको विदा की

 सुहागिने जाते-जाते बात करते हुए जा रही थी कि यह तो अपनी जेठानी से ज्यादा व्यवस्था की थी अपनी पूजा में अब कहीं से यह बात जेठानी के कान में पड़ गई अब दूसरे दिन जब देवरानी गई जेठानी के घर काम करने के लिए तब जेठानी खूब नाराज हो गई और वह कहने लगी कि मेरे घर से चोरी करके ले गई थी आप सब समान तब इस तरह से पूजा की हो तो वह कहने लगी नहीं दीदी ऐसा हमने कुछ नहीं किया था यह सब दुरदुरिया माता का चमत्कार है

 तो वह इस पर बहुत बहस की और कहने लगी कि चलो कल हम फिर से पूजा करेंगे जैसे आपने कोई सामान नहीं मंगाया था वैसे हम भी नहीं माँगाते हैं देखें माता का चमत्कार मेरे ऊपर भी होता है केवल सब तुम्हारे ऊपर होता है

 अब सुबह हुई वह भी सारे औरतों को निमंत्रित कर दी थी और जिस तरह से देवरानी ने सब कुछ व्यवस्थित करके शिकोहले को ढक दिया था उसी तरह उसने भी रख दिया

 अब सब सुहागिन आयी तो वह भी कहीं की दीदी वही सब रखे हैं आप लोग व्यवस्था कीजिए सारी हम आ रहे हैं तो जब उसमें श्रेष्ठ सुहागन उससे शिकाहूले को उठाया तो उसमें से बहुत प्रकार के जानवर सांप बिच्छू आदि उसमें से निकलने लगे और सब औरत अपनी जान बचाकर किसी तरह से वहां से भागी  /

अब सब औरतें जेठानी को खूब बोलने लगी कि आपने ऐसा क्यों किया हम सब सुबह से भूखे प्यासे पूजा के लिए पड़े हैं और आप ऐसा कर रही हो अब जेठानी ने देवरानी को बुलाया और कहां कि मेरे यहां तो  ऐसे हुआ आपके यहां कैसे हुआ तो बिचारी देवरानी बोलने लगी कि दीदी आपको तो मां ने सब कुछ दिया है आपको इस तरह नहीं करना चाहिए मेरे पास कुछ नहीं था

 तो माँ ने अपनी कृपा मुझ पर बरसाई आपके पास सब कुछ है फिर भी आपने इस तरह किया अब दीदी आपको माता जी से माफी मांगनी चाहिए और फिर से कहना चाहिए कि की माँ हमको क्षमा कीजिए

 हम फिर से आपके दुरदुरिया पूरे विधि विधान से करेंगे

 

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 सीख — कभी दूसरे का धन दौलत देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए अगर आपको भगवान ने सब कुछ दिया है तो गरीबों का भी सहारा बनना चाहिए यह नहीं कि आप सहारा भी ना बनो अगर कोई गरीब थोड़ा ऊपर उठ रहा हूं  तो उसके लिए समस्या बन कर खड़े हो जाओ

 बोलो अवसानी मैया की जय 

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